वो लड़की
#शॉर्ट स्टोरी चैलेन्ज
#सामाजिक–1
वो लड़की अपनी माँ के साथ अक्सर ही घर के आसपास दिख जाती थी ,कचरा बीनते हुए।कभी कभी एक छोटा बच्चा भी उनके साथ होता।कई बार कॉलोनी के लोगो से उन माँ बेटी को दुत्कारते हुए सुना था।गर्मी की तपती धूप में एक दिन उसने पानी मांगने के लिए गेट बजाया था ।तब पानी देते समय रजनी ने उसे गौर से देखा था।मैले कपड़े ,पैरो में घिसी हुई चप्पल जो शायद किसी कचरे से ही उठाई होगी,रंग सांवले से थोड़ा उजला,उम्र लगभग 12 -13 वर्ष होगी।
रजनी को स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद इस कॉलोनी में रहने आए लगभग डेढ़ वर्ष हो चुके हैं।अक्सर उस लड़की का कचरा बीनने आना और रजनी का अपनी बालकनी में कपड़े सुखाने का समय एक ही होता था।रजनी जब उसे देखती तो कुछ देर नजर उस पर ठहर जाती थी।कभी कभी उसे बुलाकर बचा हुआ खाना दे देती थी, तो कभी अपनी बेटी के पुराने कपड़े।
अभी कुछ दिनों से वो अकेली ही दिख रही थी।रजनी ने गौर किया कि उसके घर के सामने किराये से रहने वाले कॉलेज के तीन लड़के उस लड़की को कुछ न कुछ खाने के लिए देते रहते थे और उसके शरीर को ताड़ते हुए बात करने की कोशिश करते थे। जो भी वो देते, सिर झुकाए चुपचाप लेकर वो लड़की चली जाती थी।
पर आज तो हद ही हो गई जब उन लड़कों ने कुछ देने के बहाने उस लड़की को बुलाया और आसपास सुनसान देखकर उसका मुँह दबाकर जबर्दस्ती उसे घर के अंदर ले जाने लगे।रजनी उस समय किचन में कुछ बना रही थी और खिड़की से उसने ये सब देख लिया। वो बहुत तेजी से उस घर की ओर भागी और जाकर उस घर का दरवाजा ठोकने लगी ,शोर की आवाज सुनकर आसपास के लोग बाहर निकले और किसी तरह दरवाजे को तोड़ा गया।वो लड़के नशे में इस कदर धुत्त थे कि उन्हें बाहर का शोर सुनाई तक नही दिया।कुछ लोग और रजनी जब अंदर आये तो देखा कि उस लड़की के फटे कपड़ो को तारतार करके तीनो लड़के उसके शरीर को नोचने की कोशिश कर रहे थे। रजनी ने उन लड़कों को धक्का दिया और उस लड़की पर अपना दुपट्टा डाल दिया।कॉलोनी वालो ने उन तीनों की पिटाई की और पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पूछताछ करने पर पता चला कि उस लड़की का नाम गौरी है और उसकी माँ किसी के साथ बिना बताए कही चली गई।रजनी ने अपनी एक सहेली जो किसी समाज सेवी संगठन से जुड़ी थी उसे सारी घटना की जानकारी दी और उस लड़की के किशोर बालिका गृह में और उसके छोटे भाई को एक अनाथाश्रम में रहने का प्रबंध कराया।
एक सप्ताह बाद जब रजनी गौरी से मिलने गई तो उसे पढ़ते और सिलाई सीखते देख रजनी की आँखों में आंसू आ गए और साथ ही एक लड़की का सम्मान बचा पाने की संतुष्टि भी थी। इस घटना के बाद रजनी ने कई गरीब लड़कियों के जीवन सुधार के लिए काम किया और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहयोग किया।
यूँ तो हमारे सभ्य समाज में इन गरीब लोगों को हेय दृष्टि से देखा जाता है,उनके द्वारा हमारा कुछ सामान छूने पर उन्हें दुत्कारा जाता है पर अवसर पाते ही कलुषित मानसिकता वाले उनका शोषण करते हैं, जैसा कि प्रस्तुत कहानी में हुआ।
–प्रीति ताम्रकार
जबलपुर
#शॉर्ट स्टोरी चैलेन्ज
Abhinav ji
08-May-2022 08:47 AM
बहुत खूब
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Gunjan Kamal
08-May-2022 01:35 AM
शानदार कहानी
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Seema Priyadarshini sahay
29-Apr-2022 09:21 PM
बेहतरीन कहानी
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